पुलवामा अटैक

जम्मू-कश्मीर, पुलवामा में सीआरपीएफ की वैन पर हुआ आत्मघाती हमला कायरता पूर्ण और पूरे देश को स्तब्ध करने वाला है। जिसमें 43 जवान शहीद हुए तथा अनेक घायल हुए।
               इस हमले को अंजाम देने वाला एक 20 साल का युवा कश्मीरी लड़का था, जो पाकिस्तान के आतंकी संघठन जैश ए मोहम्मद से जुड़ा था। इस हमले में लगभग 25kg से अधिक आईईडी का इस्तेमाल किया गया था।
               अब प्रश्न उठता है कि इतनी भारी मात्रा आईईडी विस्फोटक आया कहा से और इसकी खबर हमारे ख़ुफ़िया विभाग को कैसे नहीं हुई। यह बहुत बड़े स्तर का सिक्योरिटी लैप्स का मामला है। इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए और इसमें ढीलाई बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
                 दूसरा प्रश्न यह है कि इतने संवेदनशील इलाके में बड़ी संख्या में ले जा रहें जवानों की सुरक्षा में ढीलाही क्यों बरती गई, जबकि किसी नेता की रैली के लिए पूरे हाईवे की नाकाबंदी कर दी जाती है। इसमें भी सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों द्वारा ढीलाही बरती गई। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
                    यह हमला भारतवर्ष के लिए'black day' की तरह है। इससे पूरा देश मर्माहत है। हम अपने शहीद जवानों को तो वापस नहीं ला सकते लेकिन उनके बलिदान का कतरा- कतरा हमें वसूल करना होगा और यह तभी होगा जब इसके गुनहगार दंडित होंगे।
                 
                            जय जवान

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